पाकिस्तान द्वारा जारी छद्मयुद्ध में पिछले साल के मुकाबले भारतीय सेना ने इस साल अब तक लगभग दोगुने जवानों को खो दिया है जिसका मुख्य कारण संघर्षविराम का उल्लंघन, घुसपैठ और पाकिस्तान आर्मी एक्शन टीम के लाइन ऑफ कंट्रोल पर किए जा रहे हमले हैं। आतंकवादी गतिविधियों को रोकने के लिए जम्मू और कश्मीर में चल रहे ऑपरेशन में भी काफी जवानों को जान गंवानी पड़ी।
इस संबंध में रक्षा मंत्रालय ने कहा है कि 15 दिसंबर तक जम्मू और कश्मीर में 60 जवान शहीद हुए थे, वहीं 2015 में शहीद होने वाले जवानों की संख्या 33 थी और 2014 में यह संख्या 32 थी। 60 में से 23 जवानों ने लाइन ऑफ कंट्रोल पर होने वाले सीजफायर और ऑपरेशंस में अपनी जान गंवाई जबकि 2015 में ऐसी कार्रवाई में सिर्फ 4 और 2014 में सिर्फ 5 जवान शहीद हुए थे।